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श्री गणेश चालीसा | Shri Ganesh Chalisa | 2017 Ganesh Chaturthi | गणेश चतुर्थी पूजा

2019-02-05 2 Dailymotion

श्री गणेश चालीसा | Shri Ganesh Chalisa | 2017 Ganesh Chaturthi | गणेश चतुर्थी पूजा<br /><br />Don't forget to Share, Like & Comment on this video<br /><br />Subscribe Our Channel Artha : https://goo.gl/22PtcY <br /><br />ॐ .....<br /><br />ॐ .....श्री गणं गणपतये नमः। <br /><br />ॐ .....श्री गणं गणपतये नमः<br /><br />ॐ .....श्री गणं गणपतये नमः<br /><br />ॐ .....श्री गणं गणपतये नमः<br /><br />ॐ .....श्री गणं गणपतये नमः<br /><br />ॐ .....श्री गणं गणपतये नमः<br /><br />ॐ .....श्री गणं गणपतये नमः<br /><br />ॐ .....श्री गणं गणपतये नमः<br /><br /> <br /><br />जय गणपति सदगुणसदन, कविवर बदन कृपाल।<br /><br />ॐ .....श्री गणं गणपतये नमः<br /><br />ॐ .....श्री गणं गणपतये नमः<br /><br />ॐ .....श्री गणं गणपतये नमः<br /><br />ॐ .....श्री गणं गणपतये नमः<br /><br /> <br /><br />जय गणपति सदगुणसदन, कविवर बदन कृपाल ।<br /><br />विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल।।<br /><br />जय जय जय गणपति गणराज।<br /><br />मंगल भरण करण शुभ काज ।।<br /><br />जै गजबदन सदन सुखदाता। विश्व विनायक बुद्घि विधाता।<br /><br />वक्र तुण्ड शुचि शुण्ड सुहावन। तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन।।<br /><br />राजत मणि मुक्तन उर माला। स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला।<br /><br />पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं । मोदक भोग सुगन्धित फूलं ।।<br /><br />सुन्दर पीताम्बर तन साजित । चरण पादुका मुनि मन राजित ।<br /><br />ॐ .....श्री गणं गणपतये नमः<br /><br />ॐ .....श्री गणं गणपतये नमः<br /><br />ॐ .....श्री गणं गणपतये नमः<br /><br />ॐ .....श्री गणं गणपतये नमः<br /><br /> <br /><br />धनि शिवसुवन षडानन भ्राता । गौरी लालन विश्वविख्याता ।।<br /><br />ॐ ..... ॐ .....<br /><br />धनि शिवसुवन षडानन भ्राता । गौरी लालन विश्वविख्याता ।<br /><br />ऋद्धि सिद्धि तव चंवर सुधारे । मूषक वाहन सोहत द्वारे।।<br /><br />कहौ जन्म शुभकथा तुम्हारी । अति शुचि पावन मंगलकारी ।<br /><br />एक समय गिरिराज कुमारी । पुत्र हेतु तप कीन्हो भारी ।।<br /><br />भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा । तब पहुंच्यो तुम धरि द्विज रुपा ।<br /><br />अतिथि जानि कै गौरि सुखारी । बहुविधि सेवा करी तुम्हारी ।<br /><br />अति प्रसन्न है तुम वर दीन्हा । मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा ।।<br /><br />मिलहि पुत्र तुहि, बुद्घि विशाला । बिना गर्भ धारण, यहि काला ।<br /><br />गणनायक, गुण ज्ञान निधाना । पूजित प्रथम, रुप भगवाना ।।<br /><br />ॐ ..... ॐ .....<br /><br />अस कहि अन्तर्धान रुप है । पलना पर बालक स्वरुप है ।<br /><br />बनि शिशु, रुदन जबहिं तुम ठाना। लखि मुख सुख नहिं गौरि समाना ।।<br /><br />सकल मगन, सुखमंगल गावहिं । नभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं ।<br /><br />शम्भु, उमा, बहु दान लुटावहिं । सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं ।।<br /><br />लखि अति आनन्द मंगल साजा । देखन भी आये शनि राजा ।<br /><br />निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं । बालक, देखन चाहत नाहीं ।।<br /><br />गिरिजा कछु मन भेद बढ़ायो । उत्सव मोर, न शनि तुहि भायो ।<br /><br />कहन लगे शनि, मन सकुचाई । का क?

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